Khortha dialect
Khortha | |
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Native to | India |
Region | Bihar & Jharkhand |
Native speakers |
4.7 million (2001 census)[1] Census results conflate some speakers with Hindi.[1] |
Indo-European.
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Official status | |
Official language in | No official status |
Language codes | |
ISO 639-3 | – |
Glottolog |
east2315 [2] |
Khortha (Khotta) is the mainly spoken in the Indian state of Jharkhand, khortha language is the main communicable lauguage between pleople of jharkhand. It is most popular language between sadani as well as jharkhandi tribals. It mainly in 15 districts of two divisions: North Chotanagpur and Santhal Pargana. The 15 districts are Hazaribagh, Koderma, Giridih, Bokaro, Dhanbad, Chatra, Ramgarh, Deoghar, Dumka, Sahebganj, Pakur, Godda, and Jamtara. Khortha is not only spoken by the Sadaans, it is also used by the Adivasis as a link language.
Khortha language had its own script called khorsthi lipi an ancient indian script. This research has been done by khortha scholar Dr. Nageshwar Mahto it has 36 alphabets as well software named Anshu software we can type khortha lipi incomputer aslo with the help of this software.
खोरठा लिपि http://www.readwhere.com/read/1023481/KHORTHA-LIPI-AAR-VYAKARAN/A-Book-on-KHORTHA-Script-and-Grammer#page/1/1 खोरठा लिपि : एक परिचय
खोरठा लिपि में क+अ - का माना गया है और लिखने के क्रम में आकार मात्रा अलग से लगाया जाता है। खोरठा लिपि मेें क$अ - का लिखा और पढ़ा भी जाता है। अलग आकार की मात्रा खोरठा लिपि में नहीं लगाया जाता है। इसी पाँच स्वर वर्ण को मात्रा की जगर हुबहु लिखा और पढ़ा जाता है। जैसे - क+अ- का, क+इ- कि, क+इइ-की, क+ए- के, क+एए- कै, क+उ- कु, क+उउ- कू, क+ए- के, क+एए- कै, क+उ- कु, क+उउ- कू, क+अउ- को, क+अउउ- कौ के अलावे खोरठा लिपि में ’ओ’ स्वतंत्र वर्ण है।
खोरठा भाषा के उच्चारण में आधा वर्ण नहीं होता है और न ही संयुक्ताक्षर अक्षर या शब्द होते हैं। ऐसे में इस खोरठा लिपि का प्रयोग खोरठा लेखन में सरलता से किया जा सकता है। खोरठा में जो संयुक्ताक्षर के शब्द प्रचलित हैं वे पूर्णतः संस्कृत अथवा अन्य भाषा के शब्द हैं, बोल चाल में भी स्टेशन को ’टिसन’ और व्याकरण को ’बेयाकरन’ उच्चारण किया जाता है। अगर ’राष्ट्रपति’ और ’कृष्ण चन्द्र’ को लिखना हो तो
खोरठा झारखंडेक गोटे उत्तरी छोटा नागपूर, संथाल परगना छाड़ा राँची, पलामुक हिस्सा में पसरल हे आर ई हिंयाक मूलवासी-आदीवासीक संपर्क भासा हे। एकर पढ़ाई एखन नवम कलास सें एम0 ए0 तक भइ रहल हे। एकर सें पी0 एच-डी0 डी0लीट्0 भइ रहल हे। एकर लइ जे0आर0एफ0 कइर रहल हथ।
झारखंडी भाषाओं मे से खोरठा ऐसी भाषा है जो समुद्र (फरक्का के पास) और दामोदर नदी से संबंध रखती है। साथ ही यही ऐसी अकेली झारखंडी भाषा है जिसका भाषा क्षेत्र विदेश (बंगला देश) से संबद्ध है
References
- 1 2
- ↑ Hammarström, Harald; Forkel, Robert; Haspelmath, Martin; Bank, Sebastian, eds. (2016). "Eastern Maithili". Glottolog 2.7. Jena: Max Planck Institute for the Science of Human History.